धन्यवाद प्रस्ताव पर CM योगी का जवाब अहंकार की पराकाष्ठा: कांग्रेस

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बुधवार को विधानसभा में दिये गये धन्यवाद प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये जवाब को झूठ का पुलिन्दा, अहंकार की पराकाष्ठा और तथ्यहीन करार दिया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा आरक्षण पर विपक्ष द्वारा उठाये गये सवालों का जवाब देते हुए यह कहना कि हमने अपने कार्यकाल में मार्च 2017 के बाद दो लाख पचास हजार युवाओं को नौकरियां दी हैं और उसमें आरक्षण के नियम का पूरी तरह पालन किया है, पूरी तरह असत्य और गुमराह करने वाला है. क्योंकि सरकारी विभाग की नौकरियों के बकायदा विज्ञापन आते हैं, परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं, परिणाम घोषित होते हैं और इतनी संख्या में सरकारी नौकरियां दिये जाने का साक्ष्य ना तो सरकार के पास है और ना ही किसी संस्था के पास. यह जवाब यूपी विधानसभा, विपक्ष और बेरोजगार युवाओं का अपमान है.


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य की कानून व्यवस्था पर कहा है कि कोई परिन्दा पर नहीं मार सकता, अपराध पूरी तरह नियंत्रण में है. लेकिन यहां आए दिन बलात्कार, लूट, हत्या जैसी जघन्य घटनाएं घट रही है, प्रदेश सरकार इन पर नियंत्रण कर पाने में पूरी तरह अक्षम रही है.


उन्होंने आगे कहा कि उन्नाव में बलात्कार की हुई तीन घटनाओं पर तो हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को दखल देना पड़ा था. इसी प्रकार शाहजहांपुर की घटना, अयोध्या, कानपुर, कानपुर देहात, गोण्डा की घटना, मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र गोरखपुर की घटना सहित प्रदेश के लगभग हर जनपद में बलात्कार की घटनाएं समाचारपत्रों की सुर्खियां बन रही हैं.



 


अजय कुमार लल्लू ने कहा कि अभी कानपुर देहात में दबंगों द्वारा भीम कथा के आयोजकों की पिटाई करना, घर में घुसकर महिलाओं एवं बच्चों को पीटना, प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कुछ महीने के अंदर ही हिन्दू संगठन से जुड़े दो-दो प्रदेश स्तरीय नेताओं की हत्या, लखनऊ कचहरी में बम से मारने की घटना, प्रयागराज एवं लखनऊ में वकीलों की गोली मारकर हत्या, यह सब घटनाएं कानून व्यवस्था के नाम पर बदनुमा दाग हैं और मुख्यमंत्री के विधानसभा में दिये गये जवाब पर खुद ब खुद सवाल बनकर खड़े हैं.


उन्होंने आगे कहा कि सीएए/एनआरसी/एनपीआर के विरोध में पूरे प्रदेश के लगभग हर जनपदों में हुए विरोध प्रदर्शनों पर पुलिस प्रशासन ने बर्बरता के साथ कार्रवाई की है. लोगों पर पुलिस ने गोली चलाई जिसमें कई लोगों की जानें गयीं. महिलाओं और बच्चों के खिलाफ भी बर्बर कार्रवाई की गयी और तमाम धाराएं लगाकर जेल भेजा गया.


यह असहमति को क्रूरता से कुचलने जैसा है. जबकि मुख्यमंत्री जी स्वयं कह रहे हैं कि असहमति लोकतंत्र का आधार है. बिजनौर, मेरठ, लखनऊ, अलीगढ़, आजमगढ़, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद आदि तमाम जिलों में की गयी पुलिसिया ज्यादती खुद मुख्यमंत्री जी के जवाब पर प्रश्नचिन्ह खड़े करता है.


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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यूपी में शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर की गयी पुलिसिया तांडव के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में की गयी तथ्यपूर्ण शिकायत पर खुद मानवाधिकार आयोग ने यूपी पुलिस और प्रशासन से जवाब तलब किया है तथा राज्य सरकार द्वारा लोगों पर लगाये गये जुर्माने पर उच्च न्यायालय ने रोक लगाकर यह स्पष्ट कर दिया कि यूपी में कानून का शासन नहीं है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानसभा और प्रदेश की जनता को गुमराह कर रहे हैं.


अजय कुमार लल्लू ने कहा कि जबसे भाजपा की सरकार बनी है प्रदेश का किसान परेशान और निराश है. उन्हें मिलने वाला उर्वरक, कीटनाशक, पानी, बिजली तथा डीजल के दामों में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हो चुकी है. उस अनुपात में किसानों की फसलों की खरीद नहीं हो पा रही है, ना ही छत्तीसगढ़, पंजाब, मध्य प्रदेश और राजस्थान की भांति फसलों पर बोनस का कोई प्रावधान है.


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नतीजा यह है कि लागत अधिक और मूल्य कम मिल पाने से हमारे किसान घाटे में कृषि करने को विवश हैं. रही-सही कसर अवारा पशुओं ने फसलों को बर्बाद कर कर दिया है. ऐसे में मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में किसान को खुशहाल बताना अन्नदाताओं का अपमान है.